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मेरी माँ से बढ़कर कोई नही, मातृ दिवस पर विशेष आलेख राजीव थपलियाल

मातृ दिवस (मदर्स डे )                        …………………………………….     यह तो हम सभी लोग भली-भांति जानते ही हैं कि माँ,माताजी जैसे शब्दों में ममता का सार छुपा हुआ होता है। माँ,मम्मी,और अम्मा जैसे शब्द भी एक बच्चे के जीवन को नई दिशा और दशा देते हैं,और निस्वार्थ प्रेम की परिभाषा पूरी दुनिया को बताते हैं। इसमें तनिक भी संदेह नहीं है कि,एक माँ बच्चे की सबसे पहली टीचर होती है।अक्सर  वह अपने बच्चे की बेस्ट फ्रेंड का रोल भी निभाती है। यूं तो माँ के एहसास को जानने के लिए किसी खास दिन की आवश्यकता नहीं होती है।क्योंकि अपनी माँ के साथ तो हर दिन बेहद खास होता है।लेकिन माँ की उपस्थिति और उनकी ममता को महसूस करने के लिए मई महीने में मदर्स डे (Mother’s day) बड़े ही जोश, उमंग और असीम उत्साह के साथ मनाया जाता है। आइए इसके पीछे का इतिहास जानने का थोड़ा सा प्रयास करते हैं।हर साल मई महीने में मदर्स डे मनाया जाता है और इस वर्ष 12 मई  2024 (रविवार) को यह खास दिवस मनाया जाएगा। यह दिवस सिर्फ कुछ देशों में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में उतने ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है जितना कि, हमारे देश भारतवर्ष में। मदर्स डे को मनाने के पीछे हमारे जीवन में माँ की महत्ता को दर्शाना है। अगर इसके इतिहास के विषय में बात की जाए तो जानकारों के अनुसार पहली बार मदर्स डे सन 1908 में फिलाडेल्फिया के एना जार्विस द्वारा मनाया गया था।उन्होंने वेस्ट वर्जीनिया के ग्राफ्टन चर्च में अपनी स्वर्गवासी माँ के लिए एक मेमोरियल रखा था। एना जार्विस ने सफेद कार्नेशन पहने थे। लेकिन जैसे-जैसे रीति- रिवाज विकसित हुए वैसे-वैसे लोगों ने अपनी माँ के लिए लाल या गुलाबी रंग के कार्नेशन भी पहनने शुरू किये।
वर्ष 1914 में यूएसए के प्रेसिडेंट वुडरो विल्सन ने मदर्स डे (Mother’s Day) को नेशनल हॉलिडे घोषित कर दिया। यह सिलसिला कई वर्षों तक चला और कुछ समय बाद लोगों ने दादी और चाची जैसे अन्य लोगों को भी मदर्स डे के सेलिब्रेशन में शामिल करना शुरू कर दिया। लोगों ने ऐसा शायद इसलिए किया होगा ,क्योंकि उन महिलाओं ने भी एक माँ की भूमिका निभाई है।मदर्स डे दुनिया के विभिन्न हिस्सों में सभी माताओं के प्रति सम्मान,केयर और प्यार व्यक्त करने के लिए मनाया जाने वाला एक अवसर है।इस दिन को हम सभी लोग हमारी जिंदगी में एक माँ की भूमिका को सेलिब्रेट करने के लिए मनाते हैं।
यह अवसर सभी को अपनी माँ और अपने आसपास की माताओं के लिए कुछ खास एवं यादगार बनाने  का एक मौका देता है।इस अवसर पर इस बात का बेहद ध्यान रखना जरूरी है कि, अपनी माँ का शुक्रिया अदा करने के लिए केवल एक दिन काफी नहीं हो सकता।अपनी माँ के लिए हर दिन खास बनाने की यदि हम सब कोशिश करें तो घर परिवार का माहौल बहुत ही खुशनुमा हो जाएगा। हम सभी की यह कोशिश होनी चाहिए कि,अपनी माँ की आँखों में कभी भी आँसू न आने दें।और उन्हें हर सम्भव खास होने का एहसास दिलाते रहें।                         👉कुछ ऐसी भी पौराणिक मान्यताएं हैं कि ,मातृ दिवस की उत्पत्ति प्राचीन ग्रीस से हुई,जहां देवताओं की माँ रिया का त्योहार मार्च के मध्य में मनाया जाता था। ईसाई परंपराओं ने बाद में यीशु की माँ मैरी को सम्मानित करने के तरीके के रूप में उत्सव को अपनाया,और इसका नाम बदलकर मदरिंग संडे कर दिया।अंतर्राष्ट्रीय मातृ दिवस अब सभी देशों में एक सार्वभौमिक उत्सव है।
👉मातृ दिवस 2024 माताओं के प्यार और समर्पण को समर्पित है और इस मौके पर यह भी स्वीकार किया जाता है कि,प्रत्येक माँ अपने बच्चों की परवरिश,अपने परिवारों और समुदायों में योगदान देने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिकायें अदा करती है।यह उन माताओं को याद करने और सम्मानित करने का भी समय है जो गुजर चुकी हैं।
👉मातृ दिवस 2024 माताओं को उनके बिना शर्त प्यार,देखभाल और मार्गदर्शन के लिए कृतज्ञता और सम्मान,हमारे जीवन को आकार देने में माताओं की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करने और उनके अटूट समर्थन और प्रोत्साहन हेतु एक बेहतरीन अवसर है।
👉मातृ दिवस 2024 माताओं और उनके बच्चों के बीच बंधन का जश्न मनाने और पारिवारिक संबंधों को मजबूत करने का अवसर प्रदान करता है।यह उपहार,कार्ड और विशेष भोजन जैसे विभिन्न माध्यमों से प्यार और प्रशंसा व्यक्त करने और माताओं के साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिताने का दिन भी है।
👉दुनिया भर में लोग मदर्स डे को कई तरीकों से मनाते हैं, जैसे कि फूल और उपहार देना,कुछ विशेष भोजन पकाना या उन्हें बाहर घुमाने ले जाना। यह हमारी माताओं को एहसास कराने का दिन है कि, वे हमारे लिए  कितना मायने रखतीं हैं और हम अपने जीवन में उनकी उपस्थिति की कितनी कीमत समझते हैं।                                    (नोट- इस आलेख को तैयार करने में अन्य संदर्भों की मदद भी ली गई है।)                                                        संग्रह एवं प्रस्तुति –                                                 राजीव थपलियाल                                      (प्रधानाध्यापक)                                                 राजकीय प्राथमिक विद्यालय मेरुड़ा                          संकुल केंद्र-मठाली                                         विकासखंड-जयहरीखाल                                      जनपद-पौड़ी गढ़वाल                                        उत्तराखंड।

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