Editorial
Trending

संपादकीय: कौन जीत रहा है, गढ़वाल लोकसभा सीट?

अलग खबर, अजय तिवाड़ी। गढ़वाल संसदीय सीट पर इस बार मुकाबला कांटे का है। कांग्रेस ने अपने लोकप्रिय नेताओं में शुमार गणेश गोदियाल जो कि उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं उत्तराखण्ड की राजनीति में स्थापित नेता हैं और खासकर गढ़वाल संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस के मजबूत आधार के चलते इस लोक सभा चुनाव में गणेश गोदियाल मजबूत मुकाबला बना रहे हैं।

अलग खबर, अजय तिवाड़ी। गढ़वाल संसदीय सीट पर इस बार मुकाबला कांटे का है। कांग्रेस ने अपने लोकप्रिय नेताओं में शुमार गणेश गोदियाल जो कि उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं उत्तराखण्ड की राजनीति में स्थापित नेता हैं और खासकर गढ़वाल संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस के मजबूत आधार के चलते इस लोक सभा चुनाव में गणेश गोदियाल मजबूत मुकाबला बना रहे हैं।

संपादकीय: कौन जीत रहा है, गढ़वाल लोकसभा सीट?

इसके अतिरिक्त श्रीनगर गढ़वाल तथा राठ क्षेत्र में गणेश गोदियाल आपने किए विकास कार्यों के चलते लोकप्रिय हैं। यद्यपि विगत विधानसभा चुनावों में वे मामूली वोट से चुनाव हार गये थे लेकिन लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनावों का मिज़ाज अलग तरह का होता है।

संपादकीय: कौन जीत रहा है, गढ़वाल लोकसभा सीट?
संपादकीय: कौन जीत रहा है, गढ़वाल लोकसभा सीट?

कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल और भाजपा प्रत्याशी अनिल बलूनी में कड़ा मुकाबला

गणेश गोदियाल के समर्थन में जिस तरह पौड़ी और कोटद्वार में जिस तरह जनसैलाब उमड़ा है उससे राजनीति के जानकर भी अचरज में हैं गणेश गोदियाल ने राष्ट्रीय मुद्दे नेपथ्य में रख कर स्थानीय मुद्दौं पर जनता से समर्थन मांगा है। वे भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी अनिल बलूनी से विकास की बात पर सीधा बहस की बात करते हैं।

गोदियाल का गढवाली में भाषण, लोगों से सीधा संवाद

वहीं, गढ़वाल संसदीय क्षेत्र में सेना के वर्तमान तथा सेवानिवृत्त लोगों की संख्या बढ़कर होने के चलते वे अग्नि वीर भर्ती पर सवाल उठाने से परहेज नही करते रोजगार तथा विकास गोदियाल के भाषण में प्रमुखता से रहते हैं गढवाली भाषा में जनता से सीधा संवाद कर गणेश गोदियाल ने जनता के हिर्दय से सीधा कनेक्ट होने का रास्ता बनाया है।

यद्यपि ऐन चुनाव के समय बद्रीनाथ विधानसभा क्षेत्र में प्रभाव रखने वाले राजेन्द्र भण्डारी के भारतीय जनता पार्टी की और पलटी मार लेने का थोड़ा असर हो सकता है यद्यपि राजनीति के लिए कहा जाता है कि जो जिसके साथ दिखता है वह उसके साथ ही हो यह जरूरी नही है लेकिन यदि आज की तिथि पर चुनाव हो जाये तो कांग्रेस बेहतर स्थित में है और साधन सम्पन्न भाजपा को कड़ी टक्कर दे रही हैं।

गोदियाल का अनिल बलूनी को खुले मंच पर बहस करने का चैलेंज!

अब बात करें भाजपा प्रत्याशी अनिल बलूनी की तो गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र सैनिक बहुल क्षेत्र है तथा देश धर्म पर अगर मतदान हुआ तो चुनाव बराबरी का हो जायेगा , अनिल बलूनी का निश्चित रुप से भाजपा हाईकमान के साथ बेहतर सम्बन्ध है इसमें कोई दो राय नही है नही तो सांसद के रूप में तीरथ सिंह रावत का काम बेहतर था किंतु उनके टिकट को काटकर अनिल बलूनी को टिकट मिलना यह साधारण बात नही है।

अब बात करें भाजपा में शामिल हुए कुछ नेताओं की तो इनका भाजपा में आना कुछ अलग ही कहानी कह रहे हैं और जनता के बीच कोटद्वार में खेमे बंदी को लेकर भी चर्चा जोरों पर है पूर्व मुख्यमंत्री बी सी खण्डूरी की बेटी तथा कोटद्वार से विधायक ऋतु खण्डूरी भाजपा प्रत्याशी के समर्थन मे पूरे जोश से मेंहनत कर रहीं हैं अब पू्र्व विधायक शैलेन्द्र रावत भी भाजपा में हैं और वे भी भाजपा के लिए मेहनत कर रहे हैं।

भाजपा के पास निश्चित रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम का बड़ा सहारा है, अनिल बलूनी को चुनाव में नरेंद्र मोदी फैक्टर का लाभ मिलता नजर आ रहा है पर भाजपा इसका पौड़ी लोकसभा सीट पर कितना लाभ उठाती है यह देखने योग्य होगा, अनिल बलूनी की छवि सरल ओर ईमानदार राजनेता की है, राजनीति के लिए एक कहावत कही जाती है कि जो जिसके साथ खड़ा दिखाई देता है।

वह उसके साथ ही हो यह जरूरी नहीं है और कोटद्वार की राजनीति तो राजनीति के अच्छे अच्छे पण्डितों को भी फेल कर जाती है गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र में कोटद्वार से भी मतदाताओं की बड़ी संख्या है तथा आज की बात करें तो कोई भी उम्मीदवार कमजोर नजर नही आ रहा है यद्यपि चुनाव आते आते समीकरण भी बदलते हैं और मतदाताओं का नजरिया भी।। अजय तिवाड़ी।।।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please Disable Your Adblocker !