राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय बिजनी बड़ी में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया – शिक्षक दिवस
जूनियर हाई स्कूल बिजनी बड़ी, विकासखंड यमकेश्वर में देश के दूसरे राष्ट्रपति महा० डाॅ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिवस बड़ी धूमधाम के साथ मनाया गया।
प्रथम सत्र में विद्यालय प्रबन्धन समिति के अध्यक्ष श्री जसवेन्द्र सिंह जी, उप प्रधान एवं वार्ड मेंबर श्री बलवंत सिंह जी तथा प्रधानाध्यापक श्री मनोज मैठानी जी द्वारा डाॅ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गयीं। प्रधानाध्यापक द्वारा सभी अध्यापकों को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित की।
अध्यापक श्री जेपी कुकरेती जी द्वारा डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन से सम्बन्धित महत्वपूर्ण तथ्यों को बच्चों तथा सदन के सम्मुख प्रस्तुत किया गया।
तत्पश्चात संकुल स्तरीय क्रीडा प्रतियोगिता में स्थान प्राप्त बच्चों तथा मेधावी छात्रों को उनके अभिभावकों सहित सम्मानित किया गया।
इनमें मानचित्र प्रतियोगिता, गोला फेंक और चक्का फेंक प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त कुमारी राधिका कक्षा 8, चक्का फेंक प्रतियोगिता में प्रथम स्थान तथा मानचित्र प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त दीपक चंद कक्षा 8, गोला फेंक प्रतियोगिता में तृतीय स्थान प्राप्त कुमारी अंशिका कक्षा 7 तथा समूह गान प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त सभी आठ बच्चों को उनके अभिभावकों के साथ सम्मानित किया गया। उप प्रधान एवं वार्ड मेंबर श्री बलवंत सिंह जी द्वारा भी सभी बच्चों को अपने स्तर से पुरस्कार वितरण किया गया। प्रधानाध्यापक द्वारा मेधावी छात्रों को भी सम्मानित किया गया तथा इस सत्र में आयोजित होने वाली NMMSS छात्रवृत्ति परीक्षा हेतु बच्चों को महत्वपूर्ण बिंदु भी समझाये गये। शिक्षक दिवस के उपलक्ष में बच्चों के बीच विभिन्न प्रतियोगिताएं भी आयोजित करवाई गई।
दिवस के द्वितीय सत्र में विद्यालय प्रबंधन समिति की आम बैठक आयोजित की गई। जिसमें विद्यालय विकास के लिए किये जा रहे प्रयासों/कार्यों की समीक्षा की गई। सरकार द्वारा प्रदत्त तथा विभाग द्वारा संचालित की जा रही योजनाओं से सदन को अवगत कराया गया। वित्तीय वर्ष में अभी तक प्राप्त धनराशि के उपभोग की समीक्षा भी विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्यों के द्वारा की गई तथा विद्यालय विकास के लिए अन्य प्रस्ताव भी पारित किए गए। पी०एम पोषण शक्ति निर्माण योजना के अंतर्गत विद्यालय में बन रहे भोजन की समीक्षा भी सदस्यों द्वारा की गई।
अध्यापिका श्रीमती रेखा देशवाल द्वारा शिक्षक दिवस पर सभी बच्चों तथा उपस्थित सदस्यों के लिए मिष्ठान की व्यवस्था की गई थी। इस अवसर पर विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष श्री जसवेन्द्र सिंह, उप प्रधान एवं वार्ड मेंबर श्री बलवंत सिंह के अलावा श्री विद्यादत्त, श्री दिनेश चंद, श्रीमती राखी देवी, आशा कार्यकर्ता श्रीमती सुनीतादेवी, श्रीमती मीनाक्षी, श्रीमती लता देवी, श्रीमती नेहा देवी, शिवानी तथा परिसर में संचालित हो रहे आंगनबाड़ी कार्यकर्ती लक्ष्मी देवी, आंगनवाड़ी सहायिका श्रीमती सतेश्वरी देवी, भोजन माता श्रीमती गुड्डी देवी तथा अन्य विद्यालय परिवार के सदस्य, सेवित क्षेत्र के गणमान्य व्यक्ति तथा अभिभावक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन श्री जेपी कुकरेती जी द्वारा किया गया। अंत में प्रधानाध्यापक द्वारा सभी उपस्थित सदस्यों का आभार व्यक्त कर बैठक समाप्ति की घोषणा की गई।
सर्वपल्ली राधाकृष्णन, एक महान भारतीय दार्शनिक, शिक्षक और भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे। उनका जन्म 05 सितंबर, 1888 को तमिलनाडु के तिरुत्तनि में हुआ था। उन्होंने भारतीय दर्शन को पश्चिमी दुनिया में परिचित कराया और भारतीय संस्कृति और दर्शन के प्रति उनके योगदान के लिए उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया।
प्रमुख योगदान:
- *शिक्षक और दार्शनिक:
- राधाकृष्णन ने भारतीय दर्शन, विशेष रूप से वेदांत, को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया। उन्होंने भारतीय दर्शन को न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से देखा, बल्कि उसे एक तार्किक और व्यावहारिक दृष्टिकोण से भी प्रस्तुत किया। उनके प्रमुख कार्यों में “इंडियन फिलॉसफी”, “द हिंदू व्यू ऑफ़ लाइफ”, और “भगवद गीता” की व्याख्या शामिल है।
- राधाकृष्णन एक महान शिक्षक थे, और उनका मानना था कि शिक्षा समाज के सुधार और उन्नति के लिए आवश्यक है।
- उनके सम्मान में, भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा था कि “शिक्षक देश के वास्तविक निर्माता होते हैं,” और यह दिन उनके शिक्षकों के प्रति आदर व्यक्त करने के लिए समर्पित है।
- *राजनीतिक जीवन:
- उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के बाद महत्वपूर्ण राजनीतिक भूमिकाएं निभाईं। वह 1952 से 1962 तक भारत के उप-राष्ट्रपति रहे और 1962 से 1967 तक भारत के राष्ट्रपति पद पर आसीन रहे।
- राष्ट्रपति के रूप में, उन्होंने एक सादगीपूर्ण जीवन जिया और भारतीय लोकतंत्र और मूल्यों को मजबूत किया।
- अंतरराष्ट्रीय सम्मान:
- उनके विद्वता और नैतिकता के कारण उन्हें कई देशों में सम्मानित किया गया। 1954 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया, जो भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है।…………………..(जेपी)💐🌹