ठाकुर सुंदर सिंह चौहान जी की प्रेरणा और बंधु वर्ग सेवा समिति के सहयोग से विवाह सम्पन

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ठाकुर सुंदर सिंह चौहान की प्रेरणा और बंधु वर्ग सेवा समिति के सहयोग से आयुष्मती पूजा का आशीष के साथ धूमधाम से हुआ विवाह।

सतपुली नगर के समाजसेवी ठाकुर सुंदर सिंह चौहान जी की प्रेरणा और बंधु वर्ग सेवा समिति के सहयोग से आज ठाकुर सुंदर सिंह चौहान वृद्धाश्रम मलेठी में कन्या पूजा का विवाह समारोह धूमधाम के साथ वर आशीष के साथ हर्षोल्लास के माहौल में सम्पन्न हुआ।

ठाकुर सुंदर सिंह चौहान जी की प्रेरणा और बंधु वर्ग सेवा समिति के सहयोग से विवाह सम्पन

सतपुली नगर के समाजसेवी तथा उद्यमी ठाकुर सुंदर सिंह चौहान जी का विचार कि हर जरूरतमंद कन्या पक्ष की बेटी के अपने विवाह के प्रति देखे गये सपने और अरमान पूरे होने चाहिए धूमधाम के साथ बारात आए,

उसी माहौल में वर पक्ष का शानदार स्वागत हो तथा कन्या को भविष्य की आवश्यक्ताओं लिए जरूरी सामान और सहयोग धनराशि देकर उसी धूमधाम के साथ बारात का आतिथ्य सत्कार और विदाई की जाये ठाकुर सुंदर सिंह चौहान जी की महान प्रेरणा आज एक बार फिर मलेठी में साकार हुई।

जब ठाकुर सुंदर सिंह चौहान वृद्धाश्रम में धीरेन्द्र पांडे तथा गुड्डी देवी ग्राम पातल ऐकेश्वर की बारात गाजे वाजे और बैण्ड की मधुर थाप पर हर्षोल्लास से नाचते थिरकते बाराती पंहुचे ठाकुर सुंदर सिंह चौहान वृद्धाश्रम मलेठी में जहां कन्या पूजा सुपुत्री प्रेम लाल और गुड्डी देवी ग्राम पहरगांव थल्दा सपरिवार ईष्ट मित्रों के साथ बारात की प्रतीक्षा कर रहे थे।

सभी धार्मिक रीति रिवाजों वैदिक रीति रिवाजों और विधि विधान के साथ विवाह सम्पन्न हुआ तथा कन्या अपने बाबुल और मां से विदा होकर नव जीवन के हेतु अपने जीवन साथी आशीष के साथ विदा हो गई ।कहा जाता है कि कन्यादान सबसे बड़ा दान होता है।

ठाकुर सुंदर सिंह चौहान जी की महान प्रेरणा और सद्प्रयासों से हंस फाउंडेशन , और क्षत्रिय समाज कोटद्वार, का इस पुनीत कार्य में बिशेष सहयोग रहा इसके साथ ही विनोद चौहान, चन्दन सिंह , रणजीत सिंह रावत, विमित त्रिपाठी, विकास पोखरियाल , राजेन्द्र प्रसाद नैथानी, माया देवी, पूर्व प्रधानाचार्य गंगा सिंह बिष्ट , राजकमल विक्रांत सिंह रावत, प्रमोद रौथाण ने भी यथासम्भव योगदान दिया।

बंधु वर्ग सेवा समिति के साथ ही ठाकुर सुंदर सिंह चौहान जी की महान प्रेरणा और विचार से एक कन्या अपने अरमानों को सच होते देख कर अपने मां पिता शुभ चिंतकों ईष्टमित्रों का शुभाशीष लेकर नये जीवन पथ पर बढ चली – आलेख और संकलन अजय तिवाड़ी ।।।

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