real horror story in hindi। हमारे जीवन में कभी कुछ। इस तरह की घटनायें घटित होती हैं, जिनकी ना हम उम्मीद करते हैं और ना ही अपेक्षा।(real horror story in hindi) आज आपके सामने हमारे साथ घटी एक सच्ची घटना को प्रस्तुत कर रहा हूॅ, (real horror story in hindi) रात के कोई साढ़े नौ या दस बजे का समय, लैन्सडाउन से नीचे धोबीघाट के पास सूनसान जगह पर,
एक लगभग छः फुट की लम्बीं गोरी महिला सड़क किनारे खाई की और खडी थी, आखिर इस सुनसान जगह में इतनी ठण्ड मे सड़क किनारे, जहां गहरी खाई की ओर वह कौन थी ?
दिसंबर माह की घटना है, हम दो लोग थे किसी व्यक्ति से मिलना था। लेकिन, वह अपने कार्यक्षेत्र से रात 9 बजे के आस पास आया, फिर जरूरी बात कर हम मोटरसाइकिल से वापस कोटद्वार को निकल पड़े। लैन्सडाउन से नीचे की और आते हुए सर्पिलाकार, सड़क पर शरद ऋतु में चांद पूरी रौनक मे था।
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पहाड़ों पर जहां चांद पहाड़ी के पीछे होता, वहां छाया और कंही पूरी चांदनी अदभुत छटा बिखेर रही थी। वहीं, ठण्ड भी इन दिनों पूरे जोर पर होती है. हम जल्दी से जल्दी घर पंहुचना चाहते थे। लैन्सडाउन से नीचे आते-आते ठण्डी हवाओं के थपेड़े कान और चेहरे पर भारी पड़ रहे थे, अभी कोई आधे घण्टे का सफर कर, एक मोड़ पर सड़क किनारे कोई खड़ा दिखा.

थोड़ा करीब आये तो एक अंग्रेज महिला लगभग छः फिट लम्बी गोरी महिला जिसने लाल और सफेद फूलों का स्कर्ट की तरह पर लम्बा गाउन पहन रखा था। बेहद सुंदर चेहरा बड़ी बड़ी आंखे, और लाल सफेद गाउन में वह अंग्रेज महिला लगती थी।
मेरे साथ वाले व्यक्ति ने मोटर साइकिल रोकी और कहा कि पूछते हैं, इस सुनसान क्षेत्र में सड़क के बेहद किनारे जहां नीचे सैकड़ौं फीट गहरी खाई है आखिर क्यों खड़ी है।
लेकिन कहते हैं संकट के समय या खतरे की अवस्था मे हमारा अवचेतन मन अचानक सक्रिय होता है, तथा आने वाले संकट से हमे बचा लेता है. उस बेहद लम्बीं महिला को उस जगह चांदनी रात में अकेले देख मै समझ गया था, यह कोई सामान्य महिला नही है। हम मतिभ्रम के भी शिकार नही थे क्योंकि इस तरह की परालौकिक घटना, या यूं कहें भूत-प्रेत की धारणा हमारे मन मे थी ही नही.
मैने अपने साथ वाले व्यक्ति से चुप चाप वहाँ से धीरे आगे बढ़ने को कहा, कोई दस कदम की दूरी ही बाइक से आगे चले होंगे। कि हमने उत्सुकता वश पुनः उसे देखने के लिए बाइक रोकी, तो यह क्या वह महिला वहां थी ही नही।
जबकि कुछ ही पल पहले वह हमारे सामने थी, एक टक अपने बड़ी बड़ी आंखो से हमें देख रही थी। अगर वह महिला सड़क पर आगे जाती या हमारी तरफ आती, तो साफ दिखाई देती लेकिन वहां कुछ नही था। हम समझ गये थे कि यह कोई आत्मा थी, इस संदर्भ में मैने लैन्सडाउन और जयहरीखाल क्षेत्र, तथा लैन्सडाउन में अपनी सेना की सर्विस के दौरान रहे.
लोगों से बात की तो कई लोगों ने ठीक इसी तरह की, महिला को रात के समय लैन्सडाउन में घूमते हुए दिखाई देने की बात, की जो कुछ पल आंखो के सामने होती है तथा फिर अदृश्य हो जाती है, कई लोगों ने कहा कि यह एक अंग्रेज सैन्य अधिकारी की, मृत पत्नी की आत्मा है, जो अब भी लैन्सडाउन तथा उसके आसपास दिखाई देती है। लेकिन, कभी किसी का कुछ नही बिगाड़ती है।
अब मै अपने सुधी पाठकों पर यह छोड़ता हूॅ कि वह क्या थी, कौन थी?
पूरी दुनिया में विश्वास तथा अविश्वास आस्था के साथ ही, लौकिक और परालौकिक शक्तियों पर लोगों के अलग अलग विचार हैं। और कोई इन पर विश्वास करता है तो कोई नही। खैर सबके अपने मत है और इसका सम्मान होना चाहिए, लेकिन अगर कोई आस्तिक है, ईश्वर पर विश्वास करता है तो निश्चित रूप से आत्मा भी होती है, और अगर कोई नही मानता तो यह भी एक विचार है।
लेकिन अगर धनावेश है तो ऋणावेश भी होगा, रात है तो दिन भी होगा। ईश्वर है तो आत्मायें भी होंगी, अगर आप इन पर विश्वास नही करते तो आपके मत का भी सम्मान है। अजय तिवाड़ी ।