मेरी माटी मेरा देश: डॉ० अनुराग शर्मा

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मेरी माटी मेरा देश सबसे प्यारा मेरा देश।
मिट्टी की सुगंध से सुगन्धित सबसे न्यारा मेरा देश।
वीरों का बलिदान यहाँ है हर घर का अरमान यहां है।
अन्नदाता का कठिन परिश्रम सेना का बलिदान यहाँ है।
बापू के है रामराज तो अन्ना का लोकपाल यहां है।
शास्त्री जी का जय जवान तो तिलक जी का स्वराज यहां है।
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई रहते यहां पर भाई भाई।
नफरत का व्यापार हटाकर प्यार अपरंपार यहां है।
रामायण के राम यहां है द्वापर के कृष्ण यहाँ है।
कुरान की आयत यहां पर गुरवाणी का सुकून यहां है।
बाइबिल की शिक्षाएँ है जीवन का आधार यहाँ है।
गंगा यमुना सी नदियाँ है तो हिमालय का आँचल यहां है।
सूरदास और तुलसीदास है कबीर के जैसे संत यहां है।
पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण चारो दिशाओं की संस्कृति है।
गाँव गाँव और शहर शहर में जीवन का आधार यहां है।
काशी यहां हरिद्वार यहां है जीवन का उद्धार यहां है।
प्यार प्यार और प्यार यहां है
जीवन का आधार यहां है जीवन का आधार यहाँ है।
स्वतंत्रता दिवस पर स्वरचित कविता
डॉ. अनुराग शर्मा, असिस्टेंट प्रोफेसर वाणिज्य, राजकीय महाविद्यालय कण्वघाटी कोटद्वार।

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