बदलाव की बयार में यूकेडी- दल के हित में क्या बड़ा दिल दिखायेंगे काशी सिंह ऐरी।।

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उत्तराखण्ड क्रान्तिदल एक बार फिर दो धड़ों में बंट गया , उत्तराखण्ड राज्य आंदोलन की बुनियाद कहलाने वाला यह दल यदि बिखराब से बच जाता है तो यह इस पहाड़ी राज्य के हित मे होगा।काशी सिंह ऐरी , डाॅ • शक्तिशैल कपरवाण , दिवारकर भट्ट जो कि राज्य भाजपा सरकार में राजस्व मंत्री होने से पूर्व फील्ड मार्शल भी कहलाते थे आदि नेता यूकेडी के स्तम्भ रहे हैं, काशी सिंह ऐरी यूकेडी के वरिष्ठ नेता हैं और पृथक उत्तराखण्ड राज्य आंदोलन मे डा• शक्तिशैल कपराण की तरह उनका भी बड़ा योगदान है।लेकिन अब उत्तराखण्ड क्रान्तिदल को एक मेहनती तथा युवा नेता की आवश्यक्ता है जो लम्बें समय तक पार्टी संगठन के विस्तार तथा पहाड़ के जनमानस के बीच भाजपा तथा कांग्रेस के विकल्प के रूप में उत्तराखण्ड क्रान्तिदल को स्थापित कर सके, डाॅ• शक्तिशैल कपरवाण विद्वान व्यक्ति हैं, मिलनसार स्वभाव के चलते सब को साथ लेकर चलने का हुनर रखते हैं।उत्तराखण्ड राज्य आंदोलन में भी डाॅ• कपरवाण महेन्द्र सिंह रावत आदि नेताओं की भूमिका महत्वपूर्ण रही है।आज उत्तराखण्ड क्रान्तिदल तथा उत्तराखण्ड दोनों को एक मजबूत यू•के•डी•की आवश्यक्ता है , उत्तराखण्ड राज्य जिन उद्देश्यों के लिए बना था उनमें रोजगार ,पलायन, शिक्षा , स्वास्थ्य , और संचार जैंसे मुद्दे जस के तस खड़े हैं , हिंसक जंगली जानवरों द्वारा मानव जीवन क्षति, शसक्त भूमि कानून, उत्तराखण्ड में धार्मिक आधार पर जनसंख्या वृद्धि और जल, जंगल, जमीन, पर तथा स्थानीय स्तर पर रोजगार में मूल निवासियों को हक हकूक की लड़ाई उत्तराखण्ड क्रान्तिदल के मुद्दे रहे हैं, मै व्यक्तिगत तौर पर डाॅ• शक्तिशैल कपरवाण को जानता हूं इस हिमालयी राज्य के विकास यहाॅ की संस्कृति और पलायन रोकने को लेकर उनके पास एक विजन है जिस पर उत्तराखण्ड क्रान्तिदल एक जुट हो कर आगे बढ़ता है तो एक अच्छा कदम होगा, काशी सिंह ऐरी को उत्तराखण्ड तथा यूकेडी के हित में बड़ा दिल दिखाने की आवश्यक्ता होगी और मार्गदर्शक के रूप मे पार्टी संगठन को मजबूत बनाने का काम करने की जरूरत है, इससे यूकेडी में बिखराव रुक सकेगा वहीं पार्ट को जमीनी स्तर पर आगे बढ़ाने के लिए ग्राम स्तर तक संगठन को मजबूत बनाने के लिए संगठनात्मक चुनाव और पदाधिकारियों की नियुक्ति डाॅ• शख्तिशैल कफरवाण के सामने बड़ी चुनौती होगी जिसके दम पर यूकेडी भाजपा तथा कांग्रेस के मजबूत विकल्प के रूप मे खुद को उत्तराखण्ड के जनमानस के बीच में लाकर खड़ा कर पायेंगे।।अजय तिवाड़ी ।।सम्पादक की कलम से।।।

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