आज 12 मार्च राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ रिखणीखाल खण्ड द्वारा नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के आगमन पर पथ संचलन कार्यक्रम तहसील से रिखणीखाल बाजार तक हुआ। पथसंचलन मे लगभग 50 स्वयंसेवक ने भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्यवक्ता सह विभाग कार्यवाह पौडी संजय जी थे। उन्होने भारतीय संस्कृति जो प्रकृति के अनुसार चलने वाली संस्कृति है। भारतीय जीवन पद्धति ग्रह नक्षत्रों के आधार पर चलने वाली संस्कृति है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन धरती सूर्य का एक चक्र पूरा करती है। इसी समय प्रकृति मे चारों तरफ हरियाली छा जाती है। रंग -विंरगे फूल खिल जाते हैं। प्रकृति अपना नया श्रृगांर करती है। सभी जीव -जन्तुओं,पशु -पक्षियों मे नये जीवन और प्रजनन का समय होता है। मानव समाज मे भी नये जीवन और विचारों का संचरण होने लगता है।चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन ही शकारी राजा विक्रमादित्य का जन्म हुआ।विक्रमी संवत 2080 का प्रारम्भ भी शकों, और हूणों का शमूल नाश करने वाले विक्रमादित्य,जी ने प्रारम्भ इसी दिन से किया। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन ब्रह्म जी ने सृष्टि की रचना की। भगवान श्री राम जी का राज्यभिषेक चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को ही हुआ। संघ संस्थापक डा हेडगेवार जी का जन्म भी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को ही हुआ। भारतीय बही खाते भी इसी नव वर्ष से आरम्भ होते हैं। अतः हमे भारतीय नववर्ष को बडे धूम -धाम से मनाना चाहिए। इस अवसर पर जिला प्रचारक कोटद्वार राहुल जी। खंड संचालक गमाल सिंह जी । खण्ड कार्यवाह संदीप किस्टवाल जी खंड बौद्धिक प्रमुख संतोष जी।बृजमोहन जी चंद्रशेखर ध्यानी जी दिनेश अकेला जी राजपाल जी विकास जी ।आदि मौजूद रहे।
