कोटद्वार: सुखरौ पुल पर आवाजाही सहित विभिन्न मांगो को लेकर यूकेडी ने किया धरना प्रदर्शन-

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उत्तराखंड क्रांति दल के पूर्व घोषणा के अनुसार उत्तराखंड क्रांति दल कण्व नगरी कोटद्वार में सुखरौ पुल को वाहनों की आवाजाही करने की सरकार से मांग करने के लिए यूकेडी ने धरना प्रदर्शन और सभा का आयोजन किया। सभा को संबोधित करते हुए यूकेडी के कार्यकारी अध्यक्ष डॉक्टर शक्ति शैल कपरवाण ने कहा कि कोटद्वार को भावर, लालढांग और हरिद्वार से जोड़ने वाला सुखरो पुल को शीघ्र वाहनों की आवाजाही हेतु खोलने के लिए उत्तराखंड क्रांति दल आंदोलन कर रहा है।

डा कपरवाण ने कहा कि उत्तराखंड क्रांति दल ने निर्णय लिया है कि अधिशासी अभियन्ता दुगड्डा ने आश्वासन दिया था कि अति शीघ्र वाहनों की आवाजाही के लिएपुल खोल दिया जाएगा परंतु उत्तराखंड शासन व पी डब्लुडी, जन प्रतिनिधियों ने अभी तक पुल नहीं खोला।

डॉ कपरवाण ने जनता से कहा कि दीपावली पवित्र पर्व से पूर्व हल्के वाहनों को खोलने के लिए 20 अक्टूबर को पीडब्ल्यूडी द्वारा बनाई गई दीवार का टू हिलर हेतु चिन्हीकरण करेंगे और 22 अक्टूबर को दीपावली पर्व से पूर्व यूकेडी द्वारा हल्के वाहनों (टू ह्विलर)) के लिए खोल दिया जाएगा।

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उन्होंने कहा कि उसके दूसरे चरण में हल्के वाहनों के आवाजाही के लिए दीवाल को हटाने का काम उत्तराखंड क्रांति दल करेगा डॉक्टर कपरवाण ने कहा कि जनता के हितों के लिए उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ता जेल जाने को तैयार हैं।यूकेडी के केन्द्रीय उपाध्यक्ष महेन्द्र सिंह रावत ने पी डब्लू डी के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे पुल और सड़कों का वर्षात से पूर्व सुरक्षा नहीं करते।

रावत ने शासन व अधिकारियों पर सुनियोजित भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया और कहा कि अधिकारी भ्रष्टाचार करने के उनको दण्डित किया जाना चाहिए जो वर्षात का इंतजार करते हैं।

कार्यक्रम संयोजक जगदीपक रावत ने उत्तराखंड शासन से मांग की कि पुल की मरम्मत के साथ साथ सुखरौ व मालन नदी के किनारे किनारे सुरक्षा दीवार बनाई जानी चाहिए ताकि ग्राम वासियों की बरसात में बाढ़ से सुरक्षा हो सके। उन्होंने क्षतिग्रस्त नींबूचौड़ सत्तीचौड़ मार्ग तथा मवाकोट सत्तीचौड़ नहर वाली सड़क निर्माण की भी मांग की।केंद्रीय संगठन मंत्री हरीश द्विवेदी ने राज्य सरकार से मांग की कि पूरे भाबर क्षेत्र में गड्ढा रहित सड़क का निर्माण किया जाए उन्होंने कहा की नगर निगम कोटद्वार में सम्मिलित 73 गांव के विकास करने में सक्षम नहीं रहा, इसलि नगर निगम में सम्मिलित 73 गावों को नगर निगम से हटा दिया जाए.

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