जग दीपक सिंह रावत दूसरी बार निर्वाचित हुए कोटद्वार महानगर अध्यक्ष

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महानगर कोटद्वार उत्तराखंड क्रांति दल के सम्मेलन में जग दीपक सिंह रावत दूसरी बार सर्व सम्मति से कोटद्वार महानगर अध्यक्ष निर्वाचित हुए। इससे पूर्व सांगठनिक जनपद कोटद्वार के जिलाध्यक्ष भी रहे।

मुख्य अतिथि डॉ. शक्ति शैल कपरवाण ने मवाकोट में आयोजित सम्मेलन में कहा कि उत्तराखंड क्रांति दल ग्रास रूट पर संगठन का निर्माण कर रहा है। उन्होंने ने कहा कि यूकेडी पूर्ण रूप से स्थानीय निकाय ,पंचायत और कॉलेज स्तर पर संगठन बनाने पर अपना फोकस कर रहा है।
पहाड़ी क्षेत्र में बढ़ता हुआ पलायन और समस्याएं पर यूकेडी चिंतित है और इसके लिए जन आंदोलन करेगी।

सम्मेलन में चुनाव पर्यवेक्षक के रुप में पहुंचे दल के केंद्रीय प्रवक्ता एवं पर्यवेक्षक शांति भट्ट ने कहा कि अगला चुनाव राष्ट्रीय पार्टी बनाम क्षेत्रीय पार्टी के बीच होगा और जनता क्षेत्रीय पार्टी यूकेडी को विजयी बनायेगी । उन्होंने कहा कि पूरे- उत्तराखंड स्तर पर पार्टी संगठन के निर्माण को प्राथमिकता देरही है।
केंद्रीय उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कोटद्वार के सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार व्याप्त है जिसके कारणवश सामान्य लोगों की दर्जनों फाइलें लंबित पड़ी हुई हैं। उन्होंने जिलाधिकारी पौड़ी गढ़वाल से मांग की कि कोटद्वार के सभी सरकारी कार्यालयों में लंबित फाइलों के शीघ्र निस्तारण के लिए आदेश करें। राज्य आंदोलनकारी प्रकोष्ठ के केंद्रीय अध्यक्ष पि कृष्ण जोशी ने सरकार से इस अवसर पर मांग की कण्वआश्रम को शीघ्र राष्ट्रीय पर्यटन के रूप में स्थापित किया जाए उन्होंने कहा पार्टी मोटर नगर में आए निर्माण में आए अवरोध को दूर करें और शीघ्र निर्माणकरें ।
सांगठनिक जनपद कोटद्वार के अध्यक्ष मुकेश बड़थ्वाल ने कहां कि पहाड़ी क्षेत्र में विकास योजनाओं को पहाड़ी नियोजन के हिसाब से बनाया जाना चाहिए।
सम्मेलन के अंत मे दल के संस्थापक सदस्य व प्रथम केंद्रीय महामंत्री स्वर्गीय श्री द्वारिका प्रसाद उनियाल जी को दो मिनट का मोन रख कर श्रद्धांजलि दी गयी उनकी आत्मा की शांति की प्राथना की गयी । इस अवसर पर रमेश चंद्र कोठारी , प्रवेश नवानी, अशोक कंडारी, विनय भट्ट, सर्वेंद्र काला ,राम सिंह चौहान,सत्येंद्र नेगी, दिनेश धूलिया ,,,मदन सिंह बिष्ट, जगमोहन निया विनोद काला शेखर रावत आदि ने विचार व्यक्त किए। सम्मेलन की अध्यक्षता जगदीपक सिंह रावत ने की और संचालन पितृ शरण जोशी ने की।

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