वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डी0आर0डी0ओ0) में नेवल सेक्रेटरी के पद से सेवानिवृत्त झंडी चौड़ (पूर्वी) कोटद्वार निवासी श्री बृजमोहन का 20 मार्च 2023 को निधन हो गया। वे 66 वर्ष के थे। स्वर्गीय श्री सागर चंद के द्वितीय पुत्र श्री बृजमोहन ने अपनी इंटरमीडिएट की शिक्षा कोटद्वार से प्राप्त की। इसके पश्चात रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज वारंगल से इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद आपने डी0आर0डी0औ0 में वैज्ञानिक (बी) के पद अपने शानदार कैरियर की शुरूआत की।
इसी दौरान आपने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली से एम0टेक किया। अपनी मेहनत, निष्ठा, लगन और
ईमानदारी से कार्य करते हुए श्री बृजमोहन विभिन्न महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन करते हुए वैज्ञानिक (जी) के पद तक पहुंचे ।
- एसएसपी पौड़ी को अपने बीच पाकर गदगद हुये पैठाणी थाना क्षेत्र के ग्राम प्रहरी।
- कृषि विभाग थलीसैंण द्वारा राज्य मिलेट मिशन के अंतर्गत विकास खण्ड स्तरीय कृषक गोष्ठी का आयोजन
- समलौण पौध रोपी
- बलभद्रपुर वार्ड में पार्षद अनिल नेगी ने करवाया कीटनाशक पदार्थों का छिड़काव
- नगर पंचायत थलीसैण द्वारा स्वच्छता पखवाड़े एवं इंडियन स्वच्छता लीग 2.0 के अंतर्गत थलीसैण टाइटंस के द्वारा स्वच्छता कार्यक्रम आयोजित ़़़़
इस दौरान रक्षा अनुसंधान से जुड़ी अनेक महत्वपूर्ण परियोजनाओं में आपने अपनी दूरदर्शीता का परिचय देते हुए
अभूतपूर्व योगदान दिया। आपकी कार्यक ुशलता और दक्षता को देखते हुए रूस के सहयोग से संचालित महत्वकांक्षी ब्रहृमोस परियोजना में आपको महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
प्रदान की गई जिसे आपने पद्मभूषण श्री शिवथानु पिल्लै के नेतृत्व में निष्ठापूर्ण पूर्ण किया।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन में अपने सेवाकाल के दौरान तत्कालीन अध्यक्ष डा0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम के साथ नजदीकी रूप से कार्य करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इसी दौरान महामहिम राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम द्वारा लिखी पुस्तक के म्दअपेपवदपदह ंद मउचवूमतमक छंजपवद लिये उनकी विशेषज्ञता से संब ंधित विषय पर लिखने का सुअवसर मिला जिसका उल्लेख स्वयं महामहिम राष्ट्रपति डा0 कलाम द्वारा पुस्तक की भूमिका मे ं किया गया है।
अपनी पत्नी श्रीमती पुष्पा की असामयिक मृत्यु के पश्चात श्री बृजमोहन ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति जुलाई 2016 में ले ली। श्री बृजमोहन एक बेहतरीन गायक थे उनकी एक गढ़वाली कैसेट उमाळ काफी लोकप्रिय हुयी वे आकाशवाणी के
ग्रेडेड लोकगायक भी थे।
सेवानिवृत्ति के पश्चात श्री बृजमोहन लगातार सक्रिय रहे। अपने दिल्ली निवास के दौरान श्री बृजमोहन ने उत्तराखण्ड के मूल निवासियों को एकजुट करने का निरंतर प्रयास किया। झण्डी चौड़ (पूर्वी) से निकल कर देश के प्रतिष्ठित रक्षा संस्थान के विभिन्न महत्वपूर्ण पदों को सुशोभित करने वाले श्री बृजमोहन का जीवन शून्य से शिखर तक का सफ़र कहा जा सकता है।
इस दौरान सैंकड़ों युवाओं को आपने शिक्षा के लिए प्रेरित किया। उनका निवास स्थान विज्ञान सदन और बाद में द्वारिका एक बेस कैम्प के रूप में था जहां से अनेक युवाओं ने सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त कर अपने कैरियर की उड़ान भरी। अपने पिता श्री सागर चंद के पदचिन्हों पर चलते हुए उन्होने बेहद सादगीपूर्ण जीवन व्यतीत किया।
वे अपने पीछे दो पुत्र आशीष मनीष, पुत्रवधू शिवानी, अंशिका तथा बेटी मुक्ता और दामाद प्रदीप को छोड गये हैं जो प्रतिष्ठित संस्थानों में कार्य रत हैं। मितभाषी, व्यवहार कुशल, सामाजिक और ग़रीबों की मदद के लिए हमेशा तत्पर श्री बृजमोहन का निधन एक अपूर्णीय क्षति है। उनसे संपर्क आये अनेक लोग इस दुखद घड़ी में उन्हे याद कर अपने श्रृद्धा सुमन अर्पित कर रहे हैं।