विकासखण्ड यमकेश्वर में “सपनों की उड़ान” कार्यक्रम – भव्य तरीके से आयोजित।
सामुदायिक सहभागिता के अंतर्गत शिक्षा का अधिकार अधिनियम, विद्यालय में गठित प्रबन्धन समिति और प्रबन्धन विकास समिति के उत्तरदायित्व, कर्तव्य एवं अधिकारों पर आधारित प्रचार प्रसार हेतु आयोजित होने वाला “सपनों की उड़ान” कार्यक्रम विकासखण्ड यमकेश्वर का आज संकुल संसाधन केंद्र नीलकण्ठ (लक्ष्मण झूला) में भव्य तरीके से आयोजित किया गया। विभाग तथा सरकार द्वारा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए संचालित की जा रही योजनाओं, प्रोत्साहनों से अभिभावकों को अवगत कराना तथा विद्यालय विकास में समुदाय की भूमिका पर आधारित कार्यक्रम प्रतिवर्ष “सपनों की उड़ान”- के रूप में आयोजित किया जाता है। कार्यक्रम में विद्यालय प्रबन्धन समिति के अध्यक्ष, सदस्य तथा उनके पाल्यों द्वारा विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में प्रतिभाग कर साझेदारी की जाती है। विकासखण्ड स्तरीय “सपनों की उड़ान”- कार्यक्रम का शुभारम्भ उपस्थित विद्यालय प्रबन्धन समिति के अध्यक्ष, प्रबंधन समिति के सदस्य, समन्वयक श्री मनोज राणा, श्री कुॅवर सिंह राणा, श्री मनोहर लाल जोशी तथा संकुल संसाधन केन्दों के उपस्थित समन्वयकों के द्वारा माॅं सरस्वती के सम्मुख द्वीप प्रज्वलन कर किया गया। तत्पश्चात विद्यालय की बालिकाओं द्वारा माॅं सरस्वती की गढ़वाली में स्तुति कर शानदार प्रस्तुति की गई।
प्रतियोगिता में सर्वप्रथम संकुल स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त एस०एम०सी० के सदस्यों के बीच “नींबू-दौड़” का आयोजन करवाया गया। नींबू-दौड़ प्रतियोगिता में श्रीमती वन्दना देवी एस०एम०सी० प्रा०वि० पाटा (सी०आर०सी० मागथा) ने प्रथम स्थान, श्रीमती संतोषी देवी एस०एम०सी० उ०प्रा०वि०पटना (सी०आर०सी० नीलकण्ठ) द्वारा द्वितीय तथा श्रीमती लक्ष्मीदेवी एस०एम०सी० प्रा०वि०काण्डी (सी०आर०सी० बड्यूण) द्वारा तृतीय स्थान प्राप्त किया गया। “कुर्सी-दौड़” प्रतियोगिता भी विद्यालय प्रबन्धन समिति के सदस्यों के बीच ही करवाई गई। जिसमें राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय धारीखाल की एस०एम०सी० अध्यक्ष श्रीमती दीपा देवी द्वारा प्रथम स्थान (सी०आर०सी० गैण्डखाल), श्रीमती रजनी शर्मा एस०एम०सी० रा०प्रा०वि० दिऊली (सी०आर०सी० नीलकंठ) द्वारा द्वितीय स्थान तथा श्रीमती मोनिका रतूड़ी एस०एम०सी० रा०प्रा०वि० बडोली बड़ी (सी०आर०सी० बडोली) द्वारा तृतीय स्थान प्राप्त किया गया। “सपनों की उड़ान” कार्यक्रम के तहत आयोजित होने वाली अन्य गतिविधियों में माता-पिता को अपने पाल्य के साथ संयुक्त रूप से प्रतिभागिता की जानी थी। इसी क्रम में प्राथमिक स्तर पर पारम्परिक परिधानों में माता-पिता द्वारा अपने बच्चों के साथ रैम्प वॉक प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसमें श्रीमती निधि और शौर्य एस०एम०सी० रा०प्रा०वि० नीलकण्ठ (सी०आर०सी० नीलकण्ठ) ने प्रथम स्थान, श्रीमती साधना देवी और अंशिका एस० एम० सी० रा०प्रा०वि० बडोली बड़ी (सी०आर०सी० बडोली) ने द्वितीय स्थान तथा श्रीमती कविता और मानवी एस०एम०सी० रा०प्रा०वि० गैण्डखाल ( सी०आर०सी० गैण्डखाल) ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। प्राथमिक स्तर के लोग नृत्य प्रतियोगिता में भी श्रीमती ममता देवी एवं उनकी पुत्री कृतिका, एस०एम०सी० रा०प्रा०वि० नीलकण्ठ (सी०आर०सी० नीलकण्ठ) ने प्रथम, श्रीमती दीपा देवी और उनकी पुत्री दिव्यांशी, एस०एम०सी० रा०प्रा०वि० बडोली बड़ी (सी०आर०सी० बडोली बड़ी) ने द्वितीय तथा श्रीमती कविता देवी और उनकी पुत्री मानवीएस०एम०सी० रा०प्रा०वि० गैण्ड खाल (सी०आर०सी० गैण्डखाल ) ने क्रमशः तृतीय स्थान प्राप्त किया। उच्च प्राथमिक स्तर के “लोकगायन” प्रतियोगिता में श्रीमती रेखा देवी और उनके पुत्र समीर एस०एम०सी० रा०उ०प्रा०वि० बिजनी बड़ी (सी०आर०सी० गैण्डखाल) ने प्रथम स्थान पर रहकर अपने विद्यालय का नाम रोशन किया। श्रीमती मीना देवी तथा इशान्त नेगी एस०एम०सी० रा०उ०प्रा०वि० पटना (सी०आर०सी० नीलकण्ठ) द्वितीय स्थान पर तथा अनिल शुक्ला और कु० आराधना एस०एम०सी० रा०उ०प्रा०वि० रामजीवाला (सी०आर०सी० किमसार) क्रमशः तृतीय स्थान पर रहे। उच्च प्राथमिक स्तर पर “शिक्षा का अधिकार अधिनियम” पर आधारित तथा विद्यालय प्रबन्धन समिति के अधिकार और कर्तव्यों पर आधारित “नुक्कड़- नाटक” प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। जिसमें उच्च प्राथमिक विद्यालय सिरासू द्वारा प्रथम स्थान, उच्च प्राथमिक विद्यालय पटना द्वारा द्वितीय स्थान और उच्च प्राथमिक विद्यालय चुव्याणी द्वारा क्रमशः तृतीय स्थान प्राप्त किया गया। विद्यालय स्तर पर एस०एम०सी० के कार्यों को लेकर तथा सदस्यों की जागरूकता पर आधारित सर्वश्रेष्ठ एस०एम०सी० का चयन किया गया। जिसमें राजकीय प्राथमिक विद्यालय नीलकण्ठ की विद्यालय प्रबन्धन समिति ने प्रथम स्थान तथा राजकीय प्राथमिक विद्यालय गैण्डखाल की विद्यालय प्रबन्धन समिति ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। विद्यालयो में गठित महिला प्रेरक समूहों तथा विद्यालय प्रबन्धन समिति के सदस्यों द्वारा निर्मित स्थानीय उत्पादों तथा विद्यालय में नवाचार के तहत निर्मित सामग्री तथा टी०एल०एम० पर आधारित प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया था, जिसमें राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय चुव्याणी द्वारा प्रथम स्थान, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय रामजीवाला द्वारा द्वितीय स्थान तथा राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय पटना द्वारा तृतीय स्थान प्राप्त किया गया। कार्यक्रम के पुरस्कार वितरण समारोह में विकासखण्ड के खण्ड शिक्षा अधिकारी श्री के०एस० टोलिया जी द्वारा सभी स्थान प्राप्त प्रतिभागियों को बधाई देते हुए, जिला स्तरीय प्रतियोगिता में प्रतिभागिता हेतु शुभकामनाएं प्रेषित की गई। खण्ड शिक्षा अधिकारी महोदय द्वारा उपस्थित सभी विद्यालय प्रबन्धन समिति के अध्यक्ष और सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए विद्यालय विकास में उनकी भूमिका को लेकर विस्तार से बात रखी गई। इस अवसर पर विद्यालय प्रबन्धन समिति के अध्यक्ष और सदस्य के रूप में श्रीमती दीपा देवी, श्रीमती कविता नेगी, श्रीमती रेखा देवी, श्रीमती रजनी शर्मा, श्रीमती संतोषी देवी, श्रीमती निधि, श्रीमती ममता देवी, श्रीमती मीना देवी, श्री जितेंद्र सिंह, श्रीमती सुनीता देवी, श्रीमती विधाता देवी, श्रीमती प्रतिमा देवी, श्रीमती सपना देवी, श्रीमती दीपा देवी, श्रीमती रीना देवी, श्रीमती रीना केष्टवाल, श्रीमती लक्ष्मी देवी, श्रीमती अनीता देवी आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम को सम्पादित करने और निर्णायक की महत्वपूर्ण भूमिका श्री के०एस० राणा, श्री मधुसूदन थपलियाल, श्री अमित जोशी, श्री सत्यपाल सिंह रावत, श्री शैलेंद्र कण्डवाल, श्री शैलेंद्र सिंह रावत, श्रीमती दीपा नीरज, श्रीमती रीता सेमवाल, श्रीमती अंजना बिष्ट, श्रीमती रेखा देशवाल, श्रीमती राधा बिंजोला, श्रीमती कुसुम चौधरी, श्रीमती सुमन लता, श्रीमती सुशीला भण्डारी, श्रीमती विपिन बडोला तथा अन्य उपस्थित अध्यापक अध्यापको द्वारा बेहतरीन रूप से निभाई गई। पंजीकरण, परिणाम-लेखन तथा आवश्यक व्यवस्थाओं का उत्तरदायित्व समन्वयक नीलकण्ठ श्री मनोहर लाल जोशी तथा सहयोगी के तौर पर श्री राजेंद्र सिंह नेगी समन्वयक गैण्डखाल द्वारा निभाई गई। कार्यक्रम का संचालन श्री जेपी कुकरेती एवं श्री के०एस० राणा द्वारा किया गया। ब्लॉक स्तरीय “सपनों की उड़ान” कार्यक्रम की सम्पूर्ण रूपरेखा एवं प्रस्तुतीकरण समन्वयक श्री मनोज राणा जी द्वारा किया गया था। दिवस के अंतिम सत्र में सभी स्थान प्राप्त प्रतिभागियों को खण्ड शिक्षा अधिकारी महोदय द्वारा पुरस्कृत कर “सपनों की उड़ान” जैसे कार्यक्रमों की महत्ता तथा उसमें प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए कार्यक्रम समापन की घोषणा की गई।
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