सुप्रसिद्ध कैची धाम में भक्तों का बाबा नीम करौली महाराज की मूर्ति निहारने के लिए देर रात उमड़ रही है भीड़। जयकारों से हो रहा गुंजायमान।
नैनीताल। सरोवर नगरी नैनीताल से 15 किलोमीटर दूर देर रात कैची धाम में ऐसा जन सैलाब उमड़ा जो देखने योग्य रहा। यहाँ इधर कई सप्ताह से बाबा नीम करौली महाराज के दर्शन के लिए हर कोई पर्यटक आतुर दिखाई दे रहा। देर रात अल्मोड़ा भवाली मार्ग में बसा कैची धाम स्थानीय लोगों के साथ साथ पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बिंदु बनता जा रहा है। जहाँ अधिकांश लोगों ठंड पड़ने के बावजूद अपने घरों में होटलों में कैद होंगे। वही देर रात बाबा नीम करौली महाराज के भक्त एक झलक बाबा की मूर्ति के लिए तरस ते हुए देखे जा रहे हैं। देर रात बाबा के जयकारों से कैची धाम व उसके आसपास गुंजायमान हो गया। देर रात तक भक्तों का आने जाने का सिलसिला जारी रहा। यहाँ बता दें जो भी पर्यटक या वीआईपी ,बड़े बड़े सिनेमा एक्टर, खेल खिलाड़ी घूमने के लिए नैनीताल आ रहे हैं तो महाराज नीम करौली बाबा के दर्शन करके ही लौट रहे हैं। यहाँ स्थानीय व्यापारी वर्ग को भी लाभ मिल रहा है। उनके चेहरे में मुस्कान साफ नजर आ रही है। आज से अगर कुछ वर्षों पहले की बात करें तो 15 जून व उसके आगे पीछे भक्तों की भीड़ देखने को मिलती थी अब कुछ महीनों से दिन रात मेला जेसा माहौल देखने को मिल रहा है।
सुप्रसिद्ध कैची धाम में भक्तों का बाबा नीम करौली महाराज की मूर्ति निहारने के लिए देर रात उमड़ रही है भीड़। जयकारों से हो रहा गुंजायमान।
नैनीताल। सरोवर नगरी नैनीताल से 15 किलोमीटर दूर देर रात कैची धाम में ऐसा जन सैलाब उमड़ा जो देखने योग्य रहा। यहाँ इधर कई सप्ताह से बाबा नीम करौली महाराज के दर्शन के लिए हर कोई पर्यटक आतुर दिखाई दे रहा। देर रात अल्मोड़ा भवाली मार्ग में बसा कैची धाम स्थानीय लोगों के साथ साथ पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बिंदु बनता जा रहा है। जहाँ अधिकांश लोगों ठंड पड़ने के बावजूद अपने घरों में होटलों में कैद होंगे। वही देर रात बाबा नीम करौली महाराज के भक्त एक झलक बाबा की मूर्ति के लिए तरस ते हुए देखे जा रहे हैं। देर रात बाबा के जयकारों से कैची धाम व उसके आसपास गुंजायमान हो गया। देर रात तक भक्तों का आने जाने का सिलसिला जारी रहा। यहाँ बता दें जो भी पर्यटक या वीआईपी ,बड़े बड़े सिनेमा एक्टर, खेल खिलाड़ी घूमने के लिए नैनीताल आ रहे हैं तो महाराज नीम करौली बाबा के दर्शन करके ही लौट रहे हैं। यहाँ स्थानीय व्यापारी वर्ग को भी लाभ मिल रहा है। उनके चेहरे में मुस्कान साफ नजर आ रही है। आज से अगर कुछ वर्षों पहले की बात करें तो 15 जून व उसके आगे पीछे भक्तों की भीड़ देखने को मिलती थी अब कुछ महीनों से दिन रात मेला जेसा माहौल देखने को मिल रहा है।