इस तरह की राजनीति अस्वीकार्य : पश्चिम बंगाल में आर. जी. कर अस्पताल में एक महिला डाक्टर के साथ जिस तरह की हैवानियत की गई उसकी निंदा होनी चाहिए। कोई भी दल हो इस तरह की जघन्य से जघन्य वारदात पर राजनीति करता है तो वह अस्वीकार्य है घृणित है। लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जो कि भारतीय राजनीति में दशकों से जमी हैं केन्द्रीय मन्त्री रह चुकी हैं तथा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री होने के साथ ही स्वयं महिला हैं। उनका इस जघन्य वारदात पर नैतिक जिम्मेदारी लेना बनता था, लेकिन वे सीपीएम तथा भाजपा पर आरोप लगा रही हैं तथा राजनीतिक स्टंट के रूप में मार्च निकाल रही हैं। यह आश्चर्यजनक हैं तथा राजनीति का एक इस तरह का चेहरा प्रस्तुत कर रही है जिसकी सिर्फ आलोचना की जानी चाहिए। ममता बनर्जी एक अनुभवी व चतुर राजनीतिज्ञ हैं, मुख्यमंत्री होने के नाते कानून व्यवस्था राज्य का विषय है तथा मुख्यमंत्री तथा उनके अधीन आने वाले पश्चिम बंगाल पुलिस उनके नियंत्रण में आती है अतः जिम्मेदारी भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बनती है और अपनी जिम्मेदारी से बचकर विरोध मार्च निकालना बेहद चिंताजनक है। पश्चिम बंगाल के साथ ही देश भर के डाक्टर हड़ताल कर रहे हैं तथा अपनी सुरक्षा की गुहार लगा रहे हैं उनका कहना है कि पश्चिम बंगाल पुलिस पर उन्हें भरोसा नही है तथा अस्पतालों की सुरक्षा केन्द्रीय सुरक्षा बलों को दी जाए। होना यह चाहिए था कि इस तरह की जघन्य वारदात पर पुलिस बेहद सक्रियता दिखाती तथा अपराधियों को कानून के कठघरे में लाती लेकिन देश भर में बनी पुलिसिया छवि के अनुरूप ही पश्चिम बंगाल की पुलिस चलती रही तथा जांच केन्द्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को सौंपी गई, पुलिस की कार्यप्रणालियों पर भी अब समय आ गया है कि राष्ट्रीय स्तर पर सुधार होने चाहिए पुलिस अपराधियों के गठजोड़ की खबरें भी गाहे बगाहे सामने आती हैं अतः पुलिस की छवि बदलने तथा जनता का उन पर भरोसा बहाल करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण बदलावों की आवश्यकता है। पश्चिम बंगाल में महिला डाक्टर के साथ हुई जघन्य वारदात की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए जो भी कदम उठाने पडे उठाये जाने चाहिए सरकार और पुलिस पर आमजनमानस का भरोसा बहाल हो यह महत्वपूर्ण है।।।।। अजय तिवाड़ी।।।।।
पश्चिम बंंगाल महिला डॉक्टर की जघन्य हत्या पर राजनीति अस्वीकार्य।।। अजय तिवाड़ी।।। सम्पादकीय।
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