दिनेश चंद्र पाठक ‘बशर’ ‘हिन्दी साहित्य रत्न सम्मान’ से सम्मानित।
निर्मला स्मृति साहित्यिक समिति, चरखी दादरी, हरियाणा द्वारा साहित्यकार तथा संगीतकार दिनेश चंद्र पाठक ‘बशर’ को ‘निर्मला स्मृति हिन्दी साहित्य रत्न सम्मान’ प्रदान किया गया।
चरखी दादरी की श्याम वाटिका में आयोजित किये गये अंतरराष्ट्रीय साहित्यकार साहित्य सम्मान समारोह में देश के प्रख्यात भाषाविद् प्रो नरेश मिश्र तथा भारतीय अनुवाद परिषद, नई दिल्ली के निदेशक प्रो पूरनचंद टंडन के करकमलों से यह सम्मान प्रदान किया गया। दिनेश चंद्र पाठक राजकीय इंटर कॉलेज लैंसडाउन, जयहरीखाल, पौड़ी गढ़वाल में संगीत अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं तथा छात्र जीवन से ही संगीत तथा साहित्य सृजन से सक्रिय रूप से जुड़े रहे हैं। राजकीय सेवा में जाने से पूर्व वे नैनीताल जनपद के रामनगर स्थित स्वर साधना संगीत विद्यालय से भी लंबे समय तक संगीत अध्यापक के तौर पर जुड़े रहे हैं। अब तक इनकी तीन पुस्तकें हिन्दू धर्मग्रंथों में संगीत’, ‘मेरा जीवन मेरी व्यथाएं’, तथा ‘कुछ शब्द ठिठके से’,प्रकाशित हो चुकी हैं। इसके अतिरिक्त विभिन्न पत्र पत्रिकाओं द्वारा इनके लेखों तथा कविताओं का प्रकाशन किया जा चुका है। आकाशवाणी तथा दूरदर्शन से भी दिनेश चंद्र पाठक की रचनाओं का प्रसारण होता रहा है। इसके अतिरिक्त वे समय समय पर विद्यालयी छात्र छात्राओं के बीच भी साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन करवाते रहे हैं। यूट्यूब तथा अन्य सोशल मीडिया के प्लेटफार्म से भी दिनेश चंद्र पाठक निरंतर साहित्य तथा संगीत के प्रचार प्रसार में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। हिन्दी वेबपत्रिका ‘साहित्यसुधा डॉट इन’ के माध्यम से वे निरंतर नए लेखकों को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं।