भगवान शिव जी की भक्ति का पावन पर्व महाशिव रात्रि आज देश विदेश के साथ ही तीनों लोक में बड़े भक्ति भाव से मनायी जा रहे है स्वंय देवता भी महाईश्वर सदाशिव के इस महापर्व पर हर्ष से आह्लादित हैं पृथ्वी लोक के वासी भी शिव सत्य जगत मिथ्या की अवधारणा का सत्य स्वीकारने वाले आज एक सत्य भगवान शिव के इस महापर्व को धूमधाम से मना रहे हैं।
भगवान शिव की आराधना सब अपने भाव से करते हैं जो धर्मग्रथों के मर्म को समझतें हैं उनके लिए भी शिव शास्वत हैं जो केवल भगवान शिव के भक्ति रस में डूबे साधू संत हैं उनके लिए भी शिव उसी भाव में हैं चाहे गृहस्थ हों योगी हों नागा हों औघड़ हों यक्ष हों देवता हों सब पर शिव की कृपा है ।
इस चर और अचर जगत का एक ही सत्य है भगवान चन्द्रमौलि आशुतोष शिव शंकर ।सत्यं शिव सुंदरम् और यही इस जगत का सत्य है।शास्त्रों में चार युग बताये गये है सतयुग त्रेता द्वापर तथा कलियुग वर्तमान समय कलिकाल का चल रहा है जिसमें पूर्ण पाखण्ड , घूर्तता, घमण्ड हावी दिखाई देता है ।
जबकि हर कोई जानता है यह जगत झूठा है, माया झूठी है, और यह जो पंचभूत का शरीर है यह एक मृदा से बना घट है जो बेहद कमजोर है असुरक्षित है नाशवान है जानकर भी जो अंजान बना है वह मनुष्य है ।कलिकाल में असुरों का कृत्य मानवजीवन को ही नही अपितु पशु पक्षियों को पीड़ा देगें यह शास्त्रों में लिखा है लेकिन कहते हैं पाप ,अनाचार, आसुर मलेच्छों के विरुद्ध फिर मानवतावादी शिवकृपा और प्रेरणा एकत्र होंगे और मलेच्छों का समूल नाश होना तय है।
शिव जगत के कल्याण के प्रतीक हैं शिव अहंकार पाप व्यभिचार के नाशक है शिव ही आदि हैं शिव ही आरम्भ हैं और शिव ही अंत करते हैं बैल और सर्प किसान के मित्र हैं भगवान सदाशिव के साथ दोनो सदैव विराजमान हैं यह प्रकृति और जमीन को उपजाऊ बनानें के लिए श्रम के प्रतीक नंदीमहाराज हैं हिमालय का कैलाश भगवान शिव को प्रिय है
आर्थात जल तत्व की जीवन और जगत के लिए आवश्यक्ता का प्रतीक हैं शिव , समुद्र मंथन में निकले भोग के तत्व वितरित कर हलाहल को पीकर अपना कण्ठ नीला करने के लिए तत्पर वह कल्याणकारी एक ही ईश्वर ऐकेश्वर शिव हैं, वह महाईश्वर हैं, वह वैद्यनाथ हैं, वह भीमशंकर हैं।
जहां भक्त की रक्षा करने की जरूरत आन पड़ी भगवान शिव दौड़ कर आ गये महादानी भगवान शिव जो हर हाल में हर भाव में कल्याणकारी हैं केवल भाव को देखकर जो कल्याण करते हैं वह महाईश्वर भगवान शिव हैं जो सत्य हैं और सुंदर हैं कल्याण जिनका भाव है उन आशुतोष शशांक शेखर शिव भोले नाथ को कोटि कोटि नमन ऊं नमः शिवाय ।महाशिवरात्रि की आप सभी को हार्दिक मंगलकामनाएं।।।अजय तिवाड़ी।।।

