वन प्रभाग रामनगर। अतिरिक्त कृषि एवं भूमि संरक्षण वन प्रभाग रामनगर के रिंगलाणा रेंज के वन पंचायतों मे जल संरक्षण हेतु किया गया कार्य भूमि संरक्षण। वन प्रभाग रामनगर के रिंगलाणा रेंज में जल संरक्षण हेतु किये गये सराहनीय कार्यपर्वतीय क्षेत्रों में प्राकृतिक चाल खालों के साथ ही वर्षा जल का संरक्षण बेहद महत्वपूर्ण होता है।

क्योंकि ग्रीष्म ऋतु में जल की आवश्यक्ता सबसे अधिक होती है तथा सिंचाई के लिए पर्याप्त जल की उपलब्धता बेहद आवश्यक हो जाती है। इन्ही जरूरतों को समझते हुए अतिरिक्त भूमि संरक्षण वन प्रभाग रिंगलाणा रेंज में कई वन पंचायतों में प्राकृतिक जल स्रोतों के जल संरक्षण के साथ ही कृषि भूमि के लिए ग्रीष्म काल में भी सिंचाई के लिए जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के हेतु,
जल स्रोतों के संरक्षण एवं उनसे बारह मास सिंचाई के लिए जल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बड़े टेंक और हौजों का निर्माण जल स्रोतों को पुनः रिचार्ज करने की कवायद वन पंचायतों मे की गई जिसका लाभ कृषक बारह मास सिंचाई हेतु कर रहे हैं ,

कृषक इसके लिए अपनी वन पंचायतों के साथ ही रेंज अधिकारी रिंगलाणा रेंज अतिरिक्त भूमि संरक्षण वन प्रभाग के कुशल निर्देशन तथा प्रभागीय वन अधिकारी को धन्यवाद करते हैं स्थानीय कृषकों का कहना है कि इस तरह के निर्माण कार्य और होने चाहिए जिससे कि क्षेत्र में सिंचाई के लिए पर्याप्त जल की उपलब्धता बनी रह सके,

वन प्रभाग रामनगर के रिंगलाणा रेंज में जल संरक्षण हेतु किये गये सराहनीय कार्य
और प्राकृतिक जल स्रोतों का संरक्षण हो ताकि वे लम्बें समय तक रिचार्ज रह सकें और कृषकों की सिंचाई की आवश्यक्ता हेतु जल की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। – रेंज अधिकारी रिंगलाणा रेंज के नेतृत्व मे प्रभागीय वन अधिकारी अतिरिक्त भूमि संरक्षण वन प्रभाग से मिले वन पंचायत सरपंच – रिंगलाणा रेंज के अंतर्गत आने वाले वन पंचायत सरपंच रेंज अधिकारी रिंगलगाणा रेंज के नेतृत्व में प्रभागीय वन अधिकारी से उनके रामनगर स्थित कार्यालय मे मिले,
तथा उनसे दूसरे वन पंचायतों मे भी इसी तरह के जल संरक्षण हेतु निर्माण कार्यों की मांग की प्रभागीय वन अधिकारी ने कहा कि उनके प्रस्ताव शासन तक भेजे जा रहे हैं तथा बजट उपलब्ध होने पर और वन पंचायतों में भी जल संरक्षण हेतु तथा प्राकृतिक चाल खालों के पुनर्जीवीकरण तथा सिंचाई हेतु बड़े टैंकों हौजों का निर्माण किया जायेगा जिससे की किसान बारहों महीनें सिंचाई और दूसरे उपयोग के लिए पर्याप्त जल पा सकें।