ईश्वर अंश जीव अविनाशी.. कथावाचक अनिल कुकरेती
हनुमान धाम सौलीखांद में आयोजित भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में सत्य , असत्य और जीव को पारिभाषित करते हुए कथावाचक आचार्य श्री अनिल कुकरेती ने भावावेगों,मन की पवित्रता, अपवित्रता .. ईश्वरावास की अनुभूति जीव में ईशांशानुभूति की सर्वग्राह्यसत्यता को सोदाहरण प्रस्तुत किया गया।

उन्होंने बताया कि प्रत्येक जीव में ईश्वरीय अंश विद्यमान है और वह सत्य असत्य,हित अनहित ,भला बुरा आदि की प्रतिपदा अनुभूति करता है।जगत में विद्यमान प्रत्येक जीव द्वारा ही सृष्टि रचित है।जो अपने विविध क्रियाकलापों से रचनात्मक कार्यों में संलग्न रहता है। विगत तीस मार्च से प्रारंभ हुये भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में बजरंग बली मन्दिर समिति प्रांगण में आयोजित यज्ञ में क्षेत्रीय जनता बडियार गांव,बमणगांव,बड़खेततल्ला मल्ला,कोटड़ी,मलणगांव,पाणीसैंण,तैड़िया ,चौखम ,गौंछेणा,जुकणिया,झुण्डाई,पैंय्यागढ़ी आदि गांवों के लोग कथाश्रवणाचमन में शामिल रहे।
डॉ अम्बिका प्रसाद ध्यानी…