Uttarakhand: उत्तराखंड राज्य में ठंड के मौसम ममें भी बेसुमार बिजली कटौती की जा रही है। आपका भी सवाल होगा की ठंड के मौसम में भी, जहाँ ना कूलर चलते हैं ना ही एसी का उपयोग किया जाता है। तो, भला इतनी बिजली कटौती क्यों हो रही है। हम आपको बताते हैं, आखिर क्यों इतनी बिजली कटौती हो रही है।
उत्तराखंड के मौसम में ठंड बढ़ने के साथ ही उत्तराखंड राज्य में बिजली की मांग में भी बढ़ोतरी होना शुरू हो गया है। इसके चलते राज्य में बिजली सप्लाई का सिस्टम गड़बड़ाने लगा है। उत्तराखंड में बिजली की मांग और आपूर्ति में अंतर आने के कारण शहरों में सुबह और शाम के समय दो से तीन घंटे तक की कटौती शुरू कर दी गई है। साथ ही मैदान के ग्रामीण क्षेत्रों में चार घंटे से अधिक की कटौती की जा रही है। आइये जानते हैं बिजली की मांग बढ़ने पर कटौती क्यों शुरू हो जाती है।
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मांग ज्यादा उपलब्धता कम का परिणाम है कटौती
उत्तराखंड में बिजली की मांग का आंकड़ा अचानक 45 मिलियन यूनिट (एमयू) से ऊपर पहुंच गया है। इसके सापेक्ष उपलब्धता की बात करें तो फिलहाल यूजेवीएनएल का अपना उत्पादन 10.52 एमयू है। केंद्र से सेंट्रल शेयर के रूप में 15.78 एमयू बिजली मिल रही है। ऐसे में 26.30 एमयू बिजली ही उपलब्ध है।

मांग और उपलब्धता में करीब 18.26 एमयू की आ रही है जिसे एनर्जी बैकिंग (11.94 एमयू) के जरिए पूरा किया जा रहा है। इसके बाद भी बची मांग को पूरा करने के लिए पांच से छह एमयू बिजली रोज बाजार से खरीदी जा रही है। दिक्कत ये भी है कि सुबह और शाम के समय, पीक टाइम होने से उत्तराखंड को मांग के अनुरूप बिजली नहीं मिल पा रही है।
पीक टाइम में बिजली बाजार से 12 रुपये प्रति यूनिट की दर से मिल रही है। ऊर्जा निगम फिलहाल इस रेट पर बिजली खरीदने की स्थिति में नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में मांग और आपूर्ति की कमी से बिजली कटौती के रूप में निपटा जा रहा है। इसका खामियाजा जनता को बिजली संकट के रूप में भुगतना पड़ रहा है। किसानों को भी सिंचाई के लिए नहीं पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही है।
उत्तराखंड में बिजली कटौती से जनता परेशान
बिजली कटौती का असर उत्तराखंड के लगभग हर क्षेत्र में देखने हो मिल रहा है पौड़ी गढ़वाल का शहर कोटद्वार से लेकर पूरा राजधानी क्षेत्र समेत पूरे प्रदेश में नजर आ रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में फॉल्ट, मरम्मत के नाम पर जमकर कटौती हो ही रही है, अब शहरी क्षेत्रों में भी कटौती शुरू कर दी गई है। हरिद्वार में दिसंबर महीने में ये कटौती दो से छह घंटे तक हो रही थी।
जनवरी में हालात और खराब हो गए हैं। हल्द्वानी शहर में दिसंबर में रोजाना आधा घंटे की बिजली कटौती हो रही थी। जनवरी में अब अघोषित बिजली कटौती भी शुरू हो गई है। यूएसनगर में ग्रामीण क्षेत्रों में औसतन तीन घंटे और शहरी क्षेत्र में सवा दो घंटे बिजली कटौती हो रही है। फर्नेस उद्योगों में सबसे अधिक कटौती हो रही है।