नंदा गौरा देवी कन्याधन योजना में बदलाव, जानें क्यों माता-पिता परेशान

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नंदा गौरा देवी कन्याधन योजना : Nanda Gaura Devi Kanyadhan Yojana : बेटियों के पालन-पोषण और उनकी उच्च शिक्षा में परिवार की आर्थिक स्थिति बाधा न बने, इस मंशा से प्रदेश सरकार ने नंदा गौरा देवी कन्याधन योजना शुरू की। मगर, इस वर्ष योजना के प्रारूप में अचानक किए गए बदलाव ने हजारों बेटियों को एक झटके में पात्र से अपात्र की श्रेणी में पहुंचा दिया है।

पात्रता की पुष्टि के लिए जो अतिरिक्त दस्तावेज मांगे गए हैं, उन्हें बालिकाओं के स्वजन एड़ियां घिसने के बाद भी जुटा नहीं पा रहे। इससे अकेले उत्तरकाशी जिले में ही दो हजार से अधिक बेटियों के प्रभावित होने की आशंका है। प्रारूप बदलने के बाद उत्तरकाशी जिले में इस योजना का लाभ लेने के लिए अब तक महज 120 आवेदन ही आए हैं, जबकि 30 दिसंबर आवेदन की अंतिम तिथि है।

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इस बदलाव से जहां अभिभावकों में रोष है, वहीं शासन की मंशा पर भी सवाल उठ रहे हैं। नए प्रारूप में शामिल ये दस्तावेज बने परेशानीबालिका के माता-पिता की वर्ष 2011 की आर्थिक गणना की रिपोर्ट, खाता-खतौनी की नकल, वाहन का विवरण, मकान का विवरण, सभी बैंक खातों की डिटेल, मनरेगा जाब कार्ड में तीन वर्ष की रिपोर्ट, तीन वर्ष का बिजली व पानी का बिल।

पहले सिर्फ इन दस्तावेजों से हो जाता था आवेदन

जन्म प्रमाण पत्र, आंगनबाड़ी की रिपोर्ट, आधार कार्ड, बीपीएल कार्ड, आय प्रमाण पत्र, फोटोग्राफ, मूल निवास प्रमाण पत्र, दसवीं व 12वीं का अंकपत्र। आवेदन के नए प्रारूप में भी ये दस्तावेज दिए जाने हैं। वर्ष 2017 में योजना को दिया गया नया रूपवर्ष 2017 में गौरा देवी कन्याधन योजना को नंदा गौरा देवी कन्याधन योजना का रूप दिया गया।

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इसके संचालन का जिम्मा महिला एवं बाल विकास विभाग को दिया गया। इसमें बालिका के जन्म पर 11 हजार रुपये बालिका की मां के बैंक खाते में आते हैं और 12वीं उत्तीर्ण करने पर 51 हजार रुपये की धनराशि बालिका के बैंक खाते में भेजी जाती है। ताकि वह उच्च शिक्षा का सफर बिना बाधा जारी रखकर अपने पैरों पर खड़ी हो सकें।

नंदा गौरा देवी कन्याधन योजना में कब करना होता है आवेदन

इसके लिए बालिका के जन्म के छह माह के भीतर और 12वीं का परिणाम आने के चार माह के भीतर आवेदन करना होता है। 2021 में 3403 बालिकाओं को मिला लाभवर्ष 2021 में उत्तरकाशी जिले में कुल 3403 बालिकाओं को इस योजना का लाभ मिला।

नंदा गौरा देवी कन्याधन 2017-19-20 में नहीं मिला लाभ

इनमें 743 बालिकाओं ने इसी वर्ष जन्म लिया। शेष बालिकाएं 12वीं पास करने वाली थीं। 12वीं पास लाभान्वित बालिकाओं में 395 का आवेदन वर्ष 2017 में स्वीकार किया था, मगर तब उन्हें लाभ नहीं मिल पाया। कोरोनाकाल में वर्ष 2019 व 2020 में इस योजना का लाभ नहीं दिया गया।

Gaura Devi Kanyadhan Yojana के लाभ एवं विशेषताएं

इस योजना के तहत उत्तराखंड राज्य की सभी गरीब कन्याओं के उज्जवल भविष्य के लिए राज्य सरकार द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।इस स्कीम के माध्यम से राज्य सरकार प्रदेश की कन्याओं को उच्च शिक्षा हेतु प्रोत्साहित करने के लिए उनके इंटर की परीक्षा को पास करने के बाद 51000 रूपए की धनराशि प्रदान करेगी।

51000 रूपए की धनराशि को फिक्स्ड डिपाजिट के रूप में जमा करवाया जाएगा जिसे लाभार्थी 5 वर्ष के बाद लगभग 75000 रूपए की धनराशि प्राप्त कर सकती है।बालिका के जन्म के अवसर पर सरकार द्वारा 11000 रूपए की सहायता राशि प्रदान की जाएगी।

Gaura Devi Kanyadhan Yojana के माध्यम से बालिका के जन्म के अनुपात को बढ़ने का प्रयास किया जाएगा। कन्या भ्रूण हत्या और बालिकाओं के कुपोषण सम्बन्धी समस्याओं को भी खत्म करने का प्रयास किया जाएगा।

अभी तक नंदा गौरा देवी कन्या धन योजना के तहत कुल पंजीकृत विद्यालयों की संख्या 2699 तक (अगस्त 2021 में ) पहुंच चुकी है।योजना के तहत अभी तक (अगस्त 2021 में) कुल आवेदनों की संख्या 32870 है।इस योजना के माध्यम से बालिकाओं की उच्च शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा।

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